एक जीवन को देखा है
एक जीवन से यूँ आते हुए
एक चमत्कार सा होते हुए
एक फूल को यूँ इतराते हुए
एक जीवन से यूँ आते हुए
एक चमत्कार सा होते हुए
एक फूल को यूँ इतराते हुए
पहले सोचा क्या रक्खा था
इससे पहले यूँ जीते थे
और अब देखूं तो लगता है
रंगों को यूँ खिलते हुए, जीवन को यूँ मुस्कते हुए
इससे पहले यूँ जीते थे
और अब देखूं तो लगता है
रंगों को यूँ खिलते हुए, जीवन को यूँ मुस्कते हुए
रोम रोम अब पुलकित है
प्राणो में प्राण अब आए हैं
आईना कभी ना ऐसा देखा था
यूँ अक्स से चेहरा मिलवाते हुए
प्राणो में प्राण अब आए हैं
आईना कभी ना ऐसा देखा था
यूँ अक्स से चेहरा मिलवाते हुए
आखें डब-डब दिल नम-नम है,
यूँ प्यार की बारिश होती है
ना रुकने को दिल करता है,
साँसें ना साँस सा लेती हैं
यूँ प्यार की बारिश होती है
ना रुकने को दिल करता है,
साँसें ना साँस सा लेती हैं
यूँ कोपल सा सुंदर ये तन
यूँ ओंस सा हल्का-फुल्का मन
आँखों की चमक कुछ ऐसी है
बिजली की चमक लगती है कम
यूँ ओंस सा हल्का-फुल्का मन
आँखों की चमक कुछ ऐसी है
बिजली की चमक लगती है कम
यूँ देखता है मुझे वो कभी,
जैसे जन्मो का रिश्ता हो
सच है भी यही शायद अब से
मैं तुझमे हूँ, तुम मुझ में हो
जैसे जन्मो का रिश्ता हो
सच है भी यही शायद अब से
मैं तुझमे हूँ, तुम मुझ में हो
मेरा है तू बस इतना ख़्याल
जीने की इजाज़त देता है
ये वक़्त भी अब शुकराना है
फिर से ये महोलत लेता है
जीने की इजाज़त देता है
ये वक़्त भी अब शुकराना है
फिर से ये महोलत लेता है
बन के नज़्म यूँ तू आया
सब कुछ महकाके रखा है
जब तक तू ना था जीवन यूँ था
खुश्बू के बिना जैसे बेला है
सब कुछ महकाके रखा है
जब तक तू ना था जीवन यूँ था
खुश्बू के बिना जैसे बेला है
साया तू मेरा, तू मेरा सब कुछ
यूँ ही खिलते बढ़ते रहना
साथ हूँ मैं तेरे जब तक है जहाँ,
और क्या मैं कहूँ क्या है कहना
यूँ ही खिलते बढ़ते रहना
साथ हूँ मैं तेरे जब तक है जहाँ,
और क्या मैं कहूँ क्या है कहना
No comments:
Post a Comment